नायरों द्वारा ईसाई धर्म-प्रचार गतिविधियों के विरोध के परिणामस्वरूप त्रावणकोर क्षेत्र में इंजीली ईसाइयों के साथ मामूली झगड़े हुए हैं.
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नायरों द्वारा ईसाई धर्म-प्रचार गतिविधियों के विरोध के परिणामस्वरूप त्रावणकोर क्षेत्र में इंजीली ईसाइयों के साथ मामूली झगड़े हुए हैं.
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जे. आर. आर. टोल्कीन की राय यह है कि 700 ई. के आसपास इंग्लैंड में ईसाई धर्म-प्रचार पूरा होने के बाद कुछ पीढ़ियों बाद लिखी गई कविता में एंग्लो-सेक्सोन बुतपरस्ती की वास्तविक स्मृति सम्मिलित है.
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जे. आर. आर. टोल्कीन की राय यह है कि 700 ई. के आसपास इंग्लैंड में ईसाई धर्म-प्रचार पूरा होने के बाद कुछ पीढ़ियों बाद लिखी गई कविता में एंग्लो-सेक्सोन बुतपरस्ती की वास्तविक स्मृति सम्मिलित है.
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जे. आर. आर. टोल्कीन की राय यह है कि 700 ई. के आसपास इंग्लैंड में ईसाई धर्म-प्रचार पूरा होने के बाद कुछ पीढ़ियों बाद लिखी गई कविता में एंग्लो-सेक्सोन बुतपरस्ती की वास्तविक स्मृति सम्मिलित है.